NAVARATRI CELEBRATIONS 2023

Day 1Navaratri Pooja for Devi Sailaputri on October 15th.


Day 2Navaratri Pooja for Devi Brahmacharini on October 16th.

या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


Day 3Navaratri Pooja for Devi Chandraghanta on October 17th.


Day 4Navaratri Pooja for Devi Kushmanda on October 18th.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥


Day 5Navaratri Pooja for Devi Skandamata on October 19th.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 
मां स्‍कंदमाता के लिए आप रोजाना की तरह सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान कर लें और पूजा के स्‍थान को गंगाजल से शुद्ध कर लें।


Day 6Navaratri Pooja for Devi Kartyayani on October 20th.

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।
नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥
ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥


Day 7Navaratri Pooja for Devi Kalaratri on October 21st.

ॐ देवी कालरात्रियै नमः॥
एकवेनि जपकर्णपुरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लासलोहा लताकंटकभूषण:।
वर्धन मूर्धध्वज कृष्ण कालरात्रिर्भ्यंकरि॥
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


Day 8Navaratri Pooja for Devi Mahagouri on October 22nd.

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। 
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। 
या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।


Day 9Navaratri Pooja for Devi Sidhidatri on October 23rd.

या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥


Grantha Pooja conducted at our school in connection with Navaratri on October 23rd.

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
|| विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥


Day 10Vidyarambham held on Vijayadasami day on October 24th.

सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
|| विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥